भाग 2
जैसे आप पीछले भाग मे जीवन क्या है? सफल जीवन क्या है? पढे की यह शक्ति हमारे जीवन मे सुख समृद्धि आनन्द सपने सारे सच हो सकते है, पर कैसे? जानने के लिये आखिर शब्द तक पढे--
“मैं नहीं जानता कि यह कौन सी शक्ति है; मैं तो केवल इतना जानता हूँ कि यह है।”
अलेक्ज़ेंडर ग्राहम बेल (1847–1922)
जीवन के दो हि पहलू है-
जीवन सरल-सहज है, क्योंकि जीवन में केवल दो ही तरह की चीज़ें होती हैं : सकारात्मक चीज़ें नकारात्मक चीज़ें। आपके जीवन का हर क्षेत्र – चाहे यह आपका स्वास्थ्य हो, आर्थिक स्थिति हो, लोगों से संबंध हों, काम-धंधा हो या सुख-शांति हो – आपके लिए या तो सकारात्मक है या फिर नकारात्मक है। आपके पास पैसा या तो बहुत ज़्यादा है या बहुत कम है। आप या तो पूरी तरह स्वस्थ हैं या अस्वस्थ हैं। लोगों से आपके संबंध या तो मधुर हैं या कटु हैं। आपका काम-धंधा या तो रोमांचक और सफल है, या फिर असंतोषजनक और असफल है। आप या तो हमेशा ख़ुश रहते हैं या अधिकांश समय त्योरियाँ चढ़ाए रहते हैं। अच्छे वर्ष या बुरे वर्ष, अच्छे समय या बुरे समय, अच्छे दिन या बुरे दिन।
हमारा जीवन अधिकतर अभाव मे क्यो है?
यदि आपके जीवन में सकारात्मक चीज़ें कम और नकारात्मक चीज़ें अधिक हैं, तो कहीं न कहीं, कोई न कोई गड़बड़ है – और आपको यह बात मालूम होती है। जब आप सुखी लोगों को मनचाही चीज़ों से भरे बेहतरीन जीवन का आनंद लेते देखते हैं, तो आपके मन में विचार आता है कि आपको भी ऐसा ही जीवन जीने का हक़ है। और आप सही सोचते हैं! वाक़ई आप मनचाही चीज़ों से भरे बेहतरीन जीवन के हक़दार हैं।
समृद्ध व्यक्ति आखिर क्या अलग करता है?
बेहतरीन जीवन जीने वाले अधिकांश लोगों को यह मालूम नहीं होता कि इसे पाने के लिए उन्होंने क्या किया है। लेकिन उन्होंने कुछ तो किया था। सच तो यह है कि उन्होंने उस शक्ति का इस्तेमाल किया था, जिसकी वजह से जीवन में हर अच्छी चीज़ मिलती है…
क्या यह नियम अपवाद है?
इस नियम का कोई अपवाद नहीं है। जिस भी व्यक्ति का जीवन बेहतरीन है, उसने इसे हासिल करने के लिए प्रेम की शक्ति का इस्तेमाल किया था।प्रेम ही वह शक्ति है, जिसकी वजह से आपको जीवन की सभी सकारात्मक और अच्छी चीज़ें मिलती हैं!
मानव जाति की शुरुआत से ही प्रेम के बारे में बहुत कुछ लिखा और कहा गया है। हर धर्म ने प्रेम को ऊँचा दर्जा दिया है। हर महान चिंतक, दार्शनिक, धर्मगुरु और लीडर ने इसकी महिमा का बखान किया है। लेकिन हममें से अधिकांश लोग उनकी गूढ़ बातों के पीछे छिपे वास्तविक अर्थ को नहीं समझ पाए। यह बात सच है कि उन्होंने अपने युग के लोगों को ध्यान में रखकर अपना संदेश दिया था, लेकिन वह संदेश अमर है और हर युग के लोगों पर लागू होता है। उनका संदेश आज के संसार में भी सच है, प्रासंगिक है। प्रेम सचमुच सबसे बड़ी शक्ति है, क्योंकि जब आप प्रेम करते हैं, तो आप बह्मांड की महानतम शक्ति का इस्तेमाल कर रहे हैं।
प्रेम की शक्ति
“अदृश्य होने के बावजूद प्रेम भी वायु या जल जितना ही वास्तविक है। यह एक सक्रिय, जीवंत और गतिशील शक्ति है… समुद्र की तरह ही प्रेम भी लहरों और धाराओं में चलता है।”
प्रेंटिस मलफ़ोर्ड (1834–1891)
नव विचारवादी लेखक
संसार के महानतम चिंतकों और धर्मगुरुओं ने जिस प्रकार के प्रेम का संदेश दिया है, वह अधिकांश लोगों के प्रेम की परिभाषा से बहुत अलग है। इसका अर्थ केवल अपने परिवार वालों, मित्रों और प्रिय वस्तुओं से प्रेम करना ही नहीं है। यह इससे बढ़कर है, क्योंकि प्रेम सिर्फ़ भावना ही नहीं है : प्रेम तो एक सकारात्मक शक्ति है। प्रेम कमज़ोर, नाज़ुक या कोमल नहीं होता! प्रेम तो जीवन की सकारात्मक शक्ति है! प्रेम ही हर सकारात्मक और अच्छी चीज़ की बुनियादी वजह है। जीवन में सैकड़ों अलग-अलग सकारात्मक शक्तियाँ नहीं हैं; सिर्फ़ एक ही शक्ति है – और वह है प्रेम।
यह शक्ति भौतिकी का हिस्सा है?
गुरुत्वाकर्षण और विद्युत-चुंबकत्व जैसी प्राकृतिक शक्तियाँ हमारी इंद्रियों को दिखाई नहीं देतीं, लेकिन उनकी प्रबल शक्ति के बारे में कहीं कोई शंका या विवाद नहीं है। इसी तरह प्रेम की शक्ति भी हमें दिखाई नहीं देती, लेकिन यह दरअसल किसी भी प्राकृतिक शक्ति से ज़्यादा शक्तिशाली है। इस विषय के बारे मे हम Quantum Physics से जान सकते है, और इसकी शक्ति के प्रमाण संसार में हर जगह देखे जा सकते हैं। प्रेम के बिना जीवन ही संभव नहीं है।
सोचे अगर प्रेम ना होता तो क्या होता?
इस प्रश्न के बारे में ज़रा एक पल विचार करें : प्रेम के बिना संसार कैसा होता? पहली बात तो यह है कि यदि प्रेम नहीं होता, तो आप इस दुनिया में आ ही नहीं पाते। प्रेम के बिना आप पैदा ही नहीं हो सकते थे। आपके परिवार के सदस्य और मित्र भी पैदा नहीं होते। सच तो यह है कि हमारे इस ग्रह पर एक भी व्यक्ति पैदा नहीं होता। यदि आज प्रेम की शक्ति किसी कारण थम जाए, तो विश्व की जनसंख्या कम होने लगेगी और अंतत: पूरी मानव जाति ख़त्म हो जाएगी।
क्या प्रेम के बिना जीवन असम्भव है?
हा ऐसा हि है- प्रेम के बिना इस जीवन मे कुछ भी नहि है, यहा तक इस धरती पर आस्तित्व सम्भव हि नहि है , जो मानव हृदय के प्रेम की बदौलत ही हर खोज, आविष्कार और सृजन संभव हुआ। यदि राइट बंधुओं का प्रेम नहीं होता, तो हम हवाई जहाज़ में नहीं उड़ पाते। यदि वैज्ञानिकों, आविष्कारकों और खोजियों का प्रेम नहीं होता, तो हम विद्युत, अग्नि और प्रकाश के बिना ही रह रहे होते। हम कार या मोटर साइकल नहीं चला पाते। हम फ़ोन, बिजली से चलने वाले उपकरणों या प्रौद्योगिकी के किसी भी आविष्कार का इस्तेमाल नहीं कर पाते, जिनकी वजह से जीवन ज़्यादा सुविधाजनक और आरामदेह बनता है। वास्तुविदों और भवन-निर्माताओं का प्रेम नहीं होता, तो मकान, इमारतें या शहर नहीं बन पाते। प्रेम नहीं होता, तो दवाएँ, डॉक्टर या आपातकालीन सुविधाएँ भी नहीं होतीं। कोई शिक्षक, स्कूल या शिक्षा भी नहीं होती। कोई पुस्तक, पेंटिंग और संगीत भी नहीं होता, क्योंकि इन सभी को प्रेम की सकारात्मक शक्ति द्वारा ही बनाया जाता है। अपने चारों ओर नज़र डालें। आपको मानव-निर्मित जो भी चीज़ दिखती है, उसका अस्तित्व प्रेम के अभाव में संभव ही नहीं था।
“अगर आप प्रेम को हटा लें, तो हमारी पृथ्वी क़ब्रिस्तान बन जाएगी।”
रॉबर्ट ब्राउनिंग (1812–1889)
कवि
हम अगले भाग प्रेम कि शक्ति हि आपको चलाती है
ये ब्लाग कैसा लगा comment करके जरुर बताये,
यह लेख ''The Power''पुस्तक से है ,जिसका लेखक Rhonde Bryne है,
जो आप सभी के जीवन मे सकरात्मक बद्लाव लायेगी! आगे के सभी अध्याय मे हम ये सिखे कि जीवन कैसे जीना है...
Dharmendra Vishwakarma
हम अगले भाग प्रेम कि शक्ति हि आपको चलाती है
ये ब्लाग कैसा लगा comment करके जरुर बताये,
यह लेख ''The Power''पुस्तक से है ,जिसका लेखक Rhonde Bryne है,
जो आप सभी के जीवन मे सकरात्मक बद्लाव लायेगी! आगे के सभी अध्याय मे हम ये सिखे कि जीवन कैसे जीना है...
Dharmendra Vishwakarma
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