आप सब को कैसा लगा मेरा पिछला पोस्ट जरुर बताये कामेंट करके | मुझे ख़ुशी होगी |
आज का जो विषय है वो बहुत ही महत्वपूर्ण है यदि आप खुद को प्रोग्राम नहीं करते , तो जीवन आपको अपने तरीके से प्रोग्राम करने लगती है | ये विषय बहुत ही सोचने व् समझने लायक है , आखिर क्यों समझने लायक है ?? ये बात आप सोच रहे होंगे | ये स्वभाविक बात है मनुष्य का जब नयी बात कोई अचानक कह दे , आज जो हम अपने देश में बेरोजगारी ,और अपने आप को बेहतर ना बनाने का, सही रूप से सफलता न पाने का कारण भी शायद यही विषय है | यह सोचने वाली बात है आखिर ऐसा क्यों हो रहा है, बड़े तादाद में युवा बेरोजगार और असफल है क्यों? यानि हम अपने जीवन को खुद के तरीके से नहीं चला रहे है, बल्कि जीवन हमें अपने तरीके से चला रहा है| यानि हम जब खुद के मुताबिकचलाते है, तो हम वो बनते जो हम सच में बनना चाहते है |
यानि अगर आप वो बने है जो कभी आप बनने के लिये सोचे थे, तो आप जिंदगी खुद चला रहे है| बता देना चाहता हु की जो व्यक्ति अपने जीवन को जीने के लिए प्राकृत पर छोड़ता है, तो यकीं मानिये, वो उस नदी की तरह है जो कभी अपना रास्ता नहीं पूछती और जिधर ढलान आये उसी तरफ बहती चली जाती है |
अच्छी बात है पर ये हमारा जीवन तो नदी की तरह नहीं है, जो जिधर मर्जी उधर ही बहती चली जाए| यानि बहाव तक तो सही है, लेकिन हम सही दिशा में न बहे तो वो बाढ़ का रूप ले लेती है , और विनाश का कारण बन जाता है |
ध्यान देने योग्य यहा जो बात है,वो की हमारा जो बहाव है वो किस तरफ है- जैसे - ऊचाई(विपरीत) दिशा या सही दिशा में जो हमारा गुण और उर्जा के स्तर के मुताबिक है ,और हमारा बहाव जीवन में किस तरह है, इस बात पे ध्यान देना जरुरी है , क्योकि सही दिशा में किया गया कार्य ही हमें सफल बनाती है |
हर किसी को पता है जैसे जन्म शुरुवात है, जीवन का तो मृत्यु आखिरी मंजिल है | लेकिन जो मृत्यु और जन्म के बिच का सफर है, वो जीवन हम कैसे सफल तरीके से जीये, कैसे सफलता की ऊचाईयों को छूये | लेकिन बात रही जिंदगी में उतार- चढाव, अमीरी-गरीबी की तो, ये जिंदगी के हिस्से है , जो जीवनप्रांत दुःख सुख और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है | ये सारी बाते जीवन के हिस्से है परन्तु ये सोचने वाली बात है, आखिर जो हम जीवन जी रहे है , वो किस के मुताबिक जी रहे है, अपने मुताबिक की बल्कि जिंदगी के मुताबिक जी रहे है , आप सोच रहे है जैसे चल रहा है वैसे चलने दिया जाये, या आप अपने तरह से अपने पसंद की जिन्दगी जी रहे है| जैसा आप कभी जीने के लिए सोचे थे | अगर आप खुद के मुताबिक जी रहे है तो अच्छी बात है , अगर नहीं तो यकीं मानिये आप जिंदगी के उस अंधियारे में जी रहे है जहा से सही जिंदगी की उम्मीद भी नहीं किया जा सकता | जहा आप जीवन को आप सार्थक रूप से नहीं जी रहे है| मै ऐसा क्यों कह रहा हु ऐसा ?? दिमाग पर जोर देकर सोचिये शायद आपके सवालों का जबाब खुद मिल जाये | एक विचार जो किसी महान व्यक्ति ने कहा था " अगर आप खुद के सपनों के लिए नहीं जी रहे है तो यकीं मानिये की दूसरा आपको अपने सपनों के लिए इस्तेमाल करेगा " मुझे उम्मीद है कुछ बात आपको समझ में आई होगी |
आज का सबसे बड़ा समस्या है , बेरोजगारी , सही मंजिल , या अपने विचारो के प्रति सतर्कता नहीं है, जो अधिकतर युवा जिससे वंचित होकर खुद को न समझकर, दुसरे के बंगले , गाडी देख,उनके जीवन के रसूख देख कर लग जाते है , उन्ही के तरह बनने की कोशिश करने लगते है, अगर आप के भी साथ यही है तो आप गलत रास्ते पर है | क्यों? आप क्या है कभी इस बात पर विचार किया है , मै क्या कर सकता हु, ये सोचा है कभी ? कभी ये सोचा है की- मै कौन सा काम दुसरो से बेहतर, और सही ढंग से कर सकता हु | मेरा मकसद क्या है? इस जीवन का ??
अगर इन सभी सवालों का जबाब अगर आपके पास है | तो आप सही रास्ते पर है वर्ना आप भी भीड़ की तरह है , वो भीड़ है जो दुनिया के ८०% लोग है | जो दुसरे के सपने के लिए जीते है, दुसरो के गुलामी करने में अपनी पूरी जिंदगी गुजार देते है | आप क्या है? सोचकर देखिये ? खंगाल कर देखिये अपने आप को जबाब जरुर मिलेगा , खुद को जाचं करके देखिये? आप आगे बढे, मै इससे पहले बता देना चाहता हु की आप भगवान के द्वारा बनाया हुआ वो अनूठे व्यक्ति है , जो आप सबसे अलग है , आपके विचार अलग है , आपके उर्जा का स्तर अलग है | अगर आप अलग नहीं होते तो प्राकृति आपको अलग चेहरा नहीं देती , अलग उंगलियों के निशान नहीं होते ,आपके विचार अलग नहीं होते, आपके सोच अलग नहीं होते, अगर ऐसा होता तो , आप भी उन्ही की तरह दिखते जिनकी तरह आप बनना चाहते है ? विचार करो दोस्तों ..... अभी वक्त है खुद को खुद की तरह बनाने के लिए| खुद को बेहतर बनाने के लिए | यानि सच में वो- जो आप बनना चाहते है , जो आप करना चाहते है| लेकिन कैसे हम उस रास्ते को चुने, जो हमें हमारे मंजिल तक ले जाये ? तो आप चलिए उन विचारो पर जो आप के दिल के करीब है और अगर वो बात सोचते ही यदी आपको विचार झकझोर के रख दे ? अगर ऐसा करते हुए आपके विचार उमड़ने लगे,अन्दर उर्जा का एहसास होने लगे, तो पकड़ लीजिये सतर्क होकर उन विचारो को, क्योकि यही सही दिशा है आपके लिए आपके सपने और मंजिल के लिए |
हमारा मष्तिष्क एक सुपर कम्प्युटर की तरह है | इसके कई सारे भाग है जैसे चेतन, अवचेतन | चेतन मन जो हम जागृत अवस्था में कार्य करते है, अवचेतन मन जो २४ घन्टे लगातार काम करता है बिना रुके, बिना थके, और जब ये रुकता है तो हमारे जीवन का वो आखिरी साँस होता है, अवचेतन मन हमारा मष्तिष्क का वो भाग है | जो हमारे जीवन को संचालित करता है , हमारे विचारो से जीवन का निर्माण करता है | यानि सफल होने व् जिंदगी की उचाईयों को छूने, और वहा तक पहुचने के लिए जहा तक आप पहुच सकते है | इस विषय को जान लेना अति महत्वपूर्ण है | यह गुप्त रहस्य है जिसके सहारे आज के या प्राचीन इतिहास में जो महान हुए है, वो सब इस रहस्य को जानते थे | वो रहस्य है विचार बनाये जिंदगी( विचारो से कैसे सफल हो) , यानी हम सब इस रहस्य को जानकर सफल हो सकते है, जैसा चाहे वैसे हम अपने मंजिल को पा सकते है | यानी इस पुरे धरती पर इतना संसाधन है की जो पूरी दुनिया की आबादी से भी ख़त्म नहीं होगा ,और कैसे इस रहस्य का प्रयोग कर हम अपने निजी जीवन में सफल हो ये मै अगली पोस्ट में इस विषय पर बात करूँगा | फ़िलहाल मै ये बताना चाहता हु की कैसे हम अपने जीवन को खुद के मुताबिक बनाये न की दुसरो की तरह, तो उसके लिए क्या करे हम?
तो हमें खुद को पहचानना होगा, सही दिशा में जाना होगा | वो सही दिशा क्या है? जब आप अपने आप से पूछेंगे तो जवाब मिलेगा ? आपको देर सही अगर लगातार आप ढूढने की कोशिश करे तो मिल जायेगा, क्योकि खुद से बेहतर हमें दुनिया का कोई व्यक्ति नहीं जानता है, जितना हम खुद को जानते है| अगर फिर भी न मिले तो खुद को वक्त दीजिये , खुद के विचारो पर ध्यान दीजिये| आपको धीरे धीरे जबाब मिलना चालू हो जायेगा| और आप उसके बाद बढ़ चले सही दिशा व् मंजिल की तरफ, जितना आप खुश खुद को पाकर रहेंगे उतना ख़ुशी आपको दुनिया की कोई भी संसाधन नहीं दे सकता|
खुद को पहचानो? खुद को तलाश करो, यकीं मानिये आप दुनिया में सबसे भाग्यशाली व्यक्ति होंगे अगर खुद को पहचान गए तो अपने उर्जा के स्तर जान गए तो| क्योकि
स्वामी विवेकानन्द ने कहा था-:
वो दुनिया का सबसे अभागा इन्सान है, जिसने कभी खुद से वार्तालाप न किया हो |
धन्यवाद
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THANKS
DHARMENDRA VISHWAKARMA
FOUNDER- VISHWA HAPPINESS FOUNDATION
आज का जो विषय है वो बहुत ही महत्वपूर्ण है यदि आप खुद को प्रोग्राम नहीं करते , तो जीवन आपको अपने तरीके से प्रोग्राम करने लगती है | ये विषय बहुत ही सोचने व् समझने लायक है , आखिर क्यों समझने लायक है ?? ये बात आप सोच रहे होंगे | ये स्वभाविक बात है मनुष्य का जब नयी बात कोई अचानक कह दे , आज जो हम अपने देश में बेरोजगारी ,और अपने आप को बेहतर ना बनाने का, सही रूप से सफलता न पाने का कारण भी शायद यही विषय है | यह सोचने वाली बात है आखिर ऐसा क्यों हो रहा है, बड़े तादाद में युवा बेरोजगार और असफल है क्यों? यानि हम अपने जीवन को खुद के तरीके से नहीं चला रहे है, बल्कि जीवन हमें अपने तरीके से चला रहा है| यानि हम जब खुद के मुताबिकचलाते है, तो हम वो बनते जो हम सच में बनना चाहते है |
यानि अगर आप वो बने है जो कभी आप बनने के लिये सोचे थे, तो आप जिंदगी खुद चला रहे है| बता देना चाहता हु की जो व्यक्ति अपने जीवन को जीने के लिए प्राकृत पर छोड़ता है, तो यकीं मानिये, वो उस नदी की तरह है जो कभी अपना रास्ता नहीं पूछती और जिधर ढलान आये उसी तरफ बहती चली जाती है |
अच्छी बात है पर ये हमारा जीवन तो नदी की तरह नहीं है, जो जिधर मर्जी उधर ही बहती चली जाए| यानि बहाव तक तो सही है, लेकिन हम सही दिशा में न बहे तो वो बाढ़ का रूप ले लेती है , और विनाश का कारण बन जाता है |
ध्यान देने योग्य यहा जो बात है,वो की हमारा जो बहाव है वो किस तरफ है- जैसे - ऊचाई(विपरीत) दिशा या सही दिशा में जो हमारा गुण और उर्जा के स्तर के मुताबिक है ,और हमारा बहाव जीवन में किस तरह है, इस बात पे ध्यान देना जरुरी है , क्योकि सही दिशा में किया गया कार्य ही हमें सफल बनाती है |
हर किसी को पता है जैसे जन्म शुरुवात है, जीवन का तो मृत्यु आखिरी मंजिल है | लेकिन जो मृत्यु और जन्म के बिच का सफर है, वो जीवन हम कैसे सफल तरीके से जीये, कैसे सफलता की ऊचाईयों को छूये | लेकिन बात रही जिंदगी में उतार- चढाव, अमीरी-गरीबी की तो, ये जिंदगी के हिस्से है , जो जीवनप्रांत दुःख सुख और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है | ये सारी बाते जीवन के हिस्से है परन्तु ये सोचने वाली बात है, आखिर जो हम जीवन जी रहे है , वो किस के मुताबिक जी रहे है, अपने मुताबिक की बल्कि जिंदगी के मुताबिक जी रहे है , आप सोच रहे है जैसे चल रहा है वैसे चलने दिया जाये, या आप अपने तरह से अपने पसंद की जिन्दगी जी रहे है| जैसा आप कभी जीने के लिए सोचे थे | अगर आप खुद के मुताबिक जी रहे है तो अच्छी बात है , अगर नहीं तो यकीं मानिये आप जिंदगी के उस अंधियारे में जी रहे है जहा से सही जिंदगी की उम्मीद भी नहीं किया जा सकता | जहा आप जीवन को आप सार्थक रूप से नहीं जी रहे है| मै ऐसा क्यों कह रहा हु ऐसा ?? दिमाग पर जोर देकर सोचिये शायद आपके सवालों का जबाब खुद मिल जाये | एक विचार जो किसी महान व्यक्ति ने कहा था " अगर आप खुद के सपनों के लिए नहीं जी रहे है तो यकीं मानिये की दूसरा आपको अपने सपनों के लिए इस्तेमाल करेगा " मुझे उम्मीद है कुछ बात आपको समझ में आई होगी |
आज का सबसे बड़ा समस्या है , बेरोजगारी , सही मंजिल , या अपने विचारो के प्रति सतर्कता नहीं है, जो अधिकतर युवा जिससे वंचित होकर खुद को न समझकर, दुसरे के बंगले , गाडी देख,उनके जीवन के रसूख देख कर लग जाते है , उन्ही के तरह बनने की कोशिश करने लगते है, अगर आप के भी साथ यही है तो आप गलत रास्ते पर है | क्यों? आप क्या है कभी इस बात पर विचार किया है , मै क्या कर सकता हु, ये सोचा है कभी ? कभी ये सोचा है की- मै कौन सा काम दुसरो से बेहतर, और सही ढंग से कर सकता हु | मेरा मकसद क्या है? इस जीवन का ??
अगर इन सभी सवालों का जबाब अगर आपके पास है | तो आप सही रास्ते पर है वर्ना आप भी भीड़ की तरह है , वो भीड़ है जो दुनिया के ८०% लोग है | जो दुसरे के सपने के लिए जीते है, दुसरो के गुलामी करने में अपनी पूरी जिंदगी गुजार देते है | आप क्या है? सोचकर देखिये ? खंगाल कर देखिये अपने आप को जबाब जरुर मिलेगा , खुद को जाचं करके देखिये? आप आगे बढे, मै इससे पहले बता देना चाहता हु की आप भगवान के द्वारा बनाया हुआ वो अनूठे व्यक्ति है , जो आप सबसे अलग है , आपके विचार अलग है , आपके उर्जा का स्तर अलग है | अगर आप अलग नहीं होते तो प्राकृति आपको अलग चेहरा नहीं देती , अलग उंगलियों के निशान नहीं होते ,आपके विचार अलग नहीं होते, आपके सोच अलग नहीं होते, अगर ऐसा होता तो , आप भी उन्ही की तरह दिखते जिनकी तरह आप बनना चाहते है ? विचार करो दोस्तों ..... अभी वक्त है खुद को खुद की तरह बनाने के लिए| खुद को बेहतर बनाने के लिए | यानि सच में वो- जो आप बनना चाहते है , जो आप करना चाहते है| लेकिन कैसे हम उस रास्ते को चुने, जो हमें हमारे मंजिल तक ले जाये ? तो आप चलिए उन विचारो पर जो आप के दिल के करीब है और अगर वो बात सोचते ही यदी आपको विचार झकझोर के रख दे ? अगर ऐसा करते हुए आपके विचार उमड़ने लगे,अन्दर उर्जा का एहसास होने लगे, तो पकड़ लीजिये सतर्क होकर उन विचारो को, क्योकि यही सही दिशा है आपके लिए आपके सपने और मंजिल के लिए |
हमारा मष्तिष्क एक सुपर कम्प्युटर की तरह है | इसके कई सारे भाग है जैसे चेतन, अवचेतन | चेतन मन जो हम जागृत अवस्था में कार्य करते है, अवचेतन मन जो २४ घन्टे लगातार काम करता है बिना रुके, बिना थके, और जब ये रुकता है तो हमारे जीवन का वो आखिरी साँस होता है, अवचेतन मन हमारा मष्तिष्क का वो भाग है | जो हमारे जीवन को संचालित करता है , हमारे विचारो से जीवन का निर्माण करता है | यानि सफल होने व् जिंदगी की उचाईयों को छूने, और वहा तक पहुचने के लिए जहा तक आप पहुच सकते है | इस विषय को जान लेना अति महत्वपूर्ण है | यह गुप्त रहस्य है जिसके सहारे आज के या प्राचीन इतिहास में जो महान हुए है, वो सब इस रहस्य को जानते थे | वो रहस्य है विचार बनाये जिंदगी( विचारो से कैसे सफल हो) , यानी हम सब इस रहस्य को जानकर सफल हो सकते है, जैसा चाहे वैसे हम अपने मंजिल को पा सकते है | यानी इस पुरे धरती पर इतना संसाधन है की जो पूरी दुनिया की आबादी से भी ख़त्म नहीं होगा ,और कैसे इस रहस्य का प्रयोग कर हम अपने निजी जीवन में सफल हो ये मै अगली पोस्ट में इस विषय पर बात करूँगा | फ़िलहाल मै ये बताना चाहता हु की कैसे हम अपने जीवन को खुद के मुताबिक बनाये न की दुसरो की तरह, तो उसके लिए क्या करे हम?
तो हमें खुद को पहचानना होगा, सही दिशा में जाना होगा | वो सही दिशा क्या है? जब आप अपने आप से पूछेंगे तो जवाब मिलेगा ? आपको देर सही अगर लगातार आप ढूढने की कोशिश करे तो मिल जायेगा, क्योकि खुद से बेहतर हमें दुनिया का कोई व्यक्ति नहीं जानता है, जितना हम खुद को जानते है| अगर फिर भी न मिले तो खुद को वक्त दीजिये , खुद के विचारो पर ध्यान दीजिये| आपको धीरे धीरे जबाब मिलना चालू हो जायेगा| और आप उसके बाद बढ़ चले सही दिशा व् मंजिल की तरफ, जितना आप खुश खुद को पाकर रहेंगे उतना ख़ुशी आपको दुनिया की कोई भी संसाधन नहीं दे सकता|
खुद को पहचानो? खुद को तलाश करो, यकीं मानिये आप दुनिया में सबसे भाग्यशाली व्यक्ति होंगे अगर खुद को पहचान गए तो अपने उर्जा के स्तर जान गए तो| क्योकि
स्वामी विवेकानन्द ने कहा था-:
वो दुनिया का सबसे अभागा इन्सान है, जिसने कभी खुद से वार्तालाप न किया हो |
धन्यवाद
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THANKS
DHARMENDRA VISHWAKARMA
FOUNDER- VISHWA HAPPINESS FOUNDATION
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