जैसे की मेरे कहने के अनुसार मै आज फिर आपके लिए एक नया पोस्ट जिसका शीर्षक है असफलता से सफलता की ओर कैसे बढे हम, उससे पहले का पोस्ट जिसका लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते है| क्या है आप ? कभी सोचा है ???
तो शुरू करते है आज का विषय जो आपको असफलता से सफलता की तरफ लेकर जाएगा | आगे बढ़ने से पहले हम ये जान लेते है की आखिर असफलता क्या है ? और हम क्यों असफल है ? क्योकि बिना कारण जाने आप अपनी असफलताओ को स्वीकार नहीं कर सकते |
असफलता हमारी जिंदगी का वो मनहूस पल है जिसमे हम अपने द्वारा ही अपना विकास रोककर गलत आदते अपना लेते है | जो हमें समझ भी नहीं आता है, और हम अपने ही खोदे गढ्ढे में हम खुद ही गिर जाते है | ऐसा क्यों कहा मैंने क्योकि जिंदगी उन्ही की बेहतर बनती है जो अपने जिन्दगी के प्रति सतर्क और जागरूक होते है |
माना की जिन्दगी खुद के अनुसार नहीं चलती है , लेकिन अगर ठान लिया जाये तो हम इसे अपने मुताबिक , या इच्छानुसार चला सकते है | ये सोचने वाली बात है की हमारी जिंदगी को कौन चला रहा है ? भगवान या ब्रहामांड(नास्तिक) कौन या खुद आप ? क्या आपके पास इस बात का कोई जवाब है ?
अगर है तो बहुत अच्छी बात है | ना हो तो मिल जाएगा अगर आप चाहे तो ?? हा ये सच बात है की हम अगर कोई बात खुद से पूछते है , अपनी अंतरात्मा से पुछते है तो उस सवाल का जबाब कुछ वक़्त बाद आपको अपने आस पास में हो रही घटनाओ को देखकर या तुरंत आपका जबाब मिल जायेगा |
असफलता एक जिंदगी का निराशा है , दुःख है जो हम समझ नहीं पाते , यानी अपनी जिंदगी मजाक बन जाती है ?? और हम खुद अपने रास्ते से विचलित हो गलत रास्ता या कुछ भी करने लगते है |
जिंदगी अपने इच्छानुसार ना जीकर हम दुसरे के कही बातो पर या किसी और के इशारे पर नाचने लगते है | इस तरह हम अपना जिंदगी का अनूठा पहचान खोकर , भेड़ के झुण्ड में शामिल हो जाते है , और हम भी वही करने लगते है जो हम अपने अगल बगल दुसरो को करते देखते है , भूल जाते है हम अपने आपको की हमें क्या करना चाहिए | या हमारा क्या कर्तव्य बनता है इस जिंदगी के प्रति - आखिर ये जानते भी तो नहीं है की क्या करना चाहिए , मै बात भारत की ८० % जनता के लिए कह रहा हु ? जो खुद को भूल दुसरे के बने बनाये रास्तो पर चल रहे है | जिंदगी जी भी रहे है तो आधी अधूरी ,एक मशीन की तरह , जिनका जिंदगी में कुछ भी नया नहीं है | नहीं उनके अन्दर कुछ नया करने का इच्छा है ? क्युकी जीवन में उन्हें कोई बताया ही नहीं की - आखिर ये जिंदगी क्या है , जीना कैसे है , कैसे सफल बनना है |
दुनिया में मात्र १% लोगो के पास उतना धन रसूख और सुख सुविधाए जितना दुनिया के ९९% लोगो के पास है |
आखिर वो इतना सफल क्यों है ?
आखिर वो भी तो हमारे जैसे ही है| हम सब के जैसा अनाज और पानी सब कुछ आम लोगो की तरह यहाँ तक उनके पास भी २४ घन्टे घन्टे ही होते है | फिर भी उन सबके अन्दर ऐसा क्या होता है , जो वो सफलता की ऊचाईयों पर होते है | आप कहेंगे की उनका किस्मत अच्छा है , उनके अन्दर सुपर पावर है | ऐसा कुछ भी नहीं है , फर्क है तो केवल विचारो का मेहनत का और जिंदगी में सही मंजिल चुनने का अंतर है |
वो सफल है क्योकि उनके अन्दर सुपर पावर न होकर खुद को हर दिन बेहतर बनाने का जिद है, खुद को एक लेवल ऊपर रखने की जिद है , हर दिन को बीते कल से बेहतर बनाने की जिद है | कैसे नहीं होगे वो आगे जब उनके मन,दिल,दिमाग एक जगह पर है तो वो सफल होगे ही , बेहतर, खुश और जिंदगी में हर सफलता उनकी कद्मे चूमेगी ही- सच कहा गया है जिंदगी उन्ही को मिलाती है जिनके अन्दर खुद से लड़ने की हिम्मत रखते हो , अपने बुरे विचारो से , बुरी आदतों से हर उस चीज से जो उनको पीछे धकेले , उनको निचे गिराये| उससे पहले वो खुद को तैयार करते है उस समस्या से लड़ने की कब कोई नयी समस्या कड़ी हो जाये| जिंदगी में समस्या होना सही आम बात है - क्योकि समस्या ही आपको ऊपर उठाती है आपको हर वक़्त बेहतर बनाती है | यानि जिसने कभी जिंदगी में कठिनाइयों से सामना नहीं किया है , वो जिंदगी में कुछ बेहतर नहीं किया है और नाही सिखा है |
अगर आपके जीवन में कठिनाईया हो तो घबराये नहीं , क्योकि ये कठिनाई ही आपको सफल रास्ते पर लेकर जाती है |
सफल व्यक्ति हर वक्त सीखने की लालशा होती है , नया स्किल जो जिससे कुछ नया और बेहतर करे |
दुनिया के सबसे आमिर व्यक्तियों की एक आदत सामान है जो हर किसी के अन्दर देखा और परखा गया है |
जैसे - हर हफ्ते बिलगेट्स १ किताबे पढ़ते है ,वारेन बफेट जो हर रोज ५ घन्टे किताबे पढ़ने के लिए जाने जाते है |
एलान मास्क जो हर रोज ३ घंटे किताबे पढ़ते है , ऐसे ही तमाम जो सफल व्यक्ति जो हर रोज किताबे पढ़ते है |
कठिनाईया से लड़कर वे उस मुकाम तक पहुचे है | सफलता किसी चीज / परिस्थितियों का मोहताज नहीं होती |
जिसके अन्दर जिद हो जाये कुछ करने की तो यकींन मानिये वो अपने मंजिल देर सही लेकिन पाकर रहेगा |
ऐसे तमाम कहानिया है जिसे पढ़कर आप खुद को प्रोत्साहित कर मंजिल तक पहुच जायेंगे | बढ़ते रहिये नन्हे कदमो से धीरे ही सही आगे लगातार बढ़ते रहिये|
स्वामी विवेकानंद ने कहा था -" उठो जागो और तब तक न रुको जब तक मंजिल ना मिल जाये"
SHARE WITH YOUR FREINDS, COMMENT (YOUR PROBLEM)-(GET SOLUTION IN NEXT BLOG)
THANKS
DHARMENDRA VISHWAKARMA
FOUNDER- VISHWA HAPPINESS FOUNDATION
तो शुरू करते है आज का विषय जो आपको असफलता से सफलता की तरफ लेकर जाएगा | आगे बढ़ने से पहले हम ये जान लेते है की आखिर असफलता क्या है ? और हम क्यों असफल है ? क्योकि बिना कारण जाने आप अपनी असफलताओ को स्वीकार नहीं कर सकते |
असफलता हमारी जिंदगी का वो मनहूस पल है जिसमे हम अपने द्वारा ही अपना विकास रोककर गलत आदते अपना लेते है | जो हमें समझ भी नहीं आता है, और हम अपने ही खोदे गढ्ढे में हम खुद ही गिर जाते है | ऐसा क्यों कहा मैंने क्योकि जिंदगी उन्ही की बेहतर बनती है जो अपने जिन्दगी के प्रति सतर्क और जागरूक होते है |
माना की जिन्दगी खुद के अनुसार नहीं चलती है , लेकिन अगर ठान लिया जाये तो हम इसे अपने मुताबिक , या इच्छानुसार चला सकते है | ये सोचने वाली बात है की हमारी जिंदगी को कौन चला रहा है ? भगवान या ब्रहामांड(नास्तिक) कौन या खुद आप ? क्या आपके पास इस बात का कोई जवाब है ?
अगर है तो बहुत अच्छी बात है | ना हो तो मिल जाएगा अगर आप चाहे तो ?? हा ये सच बात है की हम अगर कोई बात खुद से पूछते है , अपनी अंतरात्मा से पुछते है तो उस सवाल का जबाब कुछ वक़्त बाद आपको अपने आस पास में हो रही घटनाओ को देखकर या तुरंत आपका जबाब मिल जायेगा |
असफलता एक जिंदगी का निराशा है , दुःख है जो हम समझ नहीं पाते , यानी अपनी जिंदगी मजाक बन जाती है ?? और हम खुद अपने रास्ते से विचलित हो गलत रास्ता या कुछ भी करने लगते है |
जिंदगी अपने इच्छानुसार ना जीकर हम दुसरे के कही बातो पर या किसी और के इशारे पर नाचने लगते है | इस तरह हम अपना जिंदगी का अनूठा पहचान खोकर , भेड़ के झुण्ड में शामिल हो जाते है , और हम भी वही करने लगते है जो हम अपने अगल बगल दुसरो को करते देखते है , भूल जाते है हम अपने आपको की हमें क्या करना चाहिए | या हमारा क्या कर्तव्य बनता है इस जिंदगी के प्रति - आखिर ये जानते भी तो नहीं है की क्या करना चाहिए , मै बात भारत की ८० % जनता के लिए कह रहा हु ? जो खुद को भूल दुसरे के बने बनाये रास्तो पर चल रहे है | जिंदगी जी भी रहे है तो आधी अधूरी ,एक मशीन की तरह , जिनका जिंदगी में कुछ भी नया नहीं है | नहीं उनके अन्दर कुछ नया करने का इच्छा है ? क्युकी जीवन में उन्हें कोई बताया ही नहीं की - आखिर ये जिंदगी क्या है , जीना कैसे है , कैसे सफल बनना है |
दुनिया में मात्र १% लोगो के पास उतना धन रसूख और सुख सुविधाए जितना दुनिया के ९९% लोगो के पास है |
आखिर वो इतना सफल क्यों है ?
आखिर वो भी तो हमारे जैसे ही है| हम सब के जैसा अनाज और पानी सब कुछ आम लोगो की तरह यहाँ तक उनके पास भी २४ घन्टे घन्टे ही होते है | फिर भी उन सबके अन्दर ऐसा क्या होता है , जो वो सफलता की ऊचाईयों पर होते है | आप कहेंगे की उनका किस्मत अच्छा है , उनके अन्दर सुपर पावर है | ऐसा कुछ भी नहीं है , फर्क है तो केवल विचारो का मेहनत का और जिंदगी में सही मंजिल चुनने का अंतर है |
वो सफल है क्योकि उनके अन्दर सुपर पावर न होकर खुद को हर दिन बेहतर बनाने का जिद है, खुद को एक लेवल ऊपर रखने की जिद है , हर दिन को बीते कल से बेहतर बनाने की जिद है | कैसे नहीं होगे वो आगे जब उनके मन,दिल,दिमाग एक जगह पर है तो वो सफल होगे ही , बेहतर, खुश और जिंदगी में हर सफलता उनकी कद्मे चूमेगी ही- सच कहा गया है जिंदगी उन्ही को मिलाती है जिनके अन्दर खुद से लड़ने की हिम्मत रखते हो , अपने बुरे विचारो से , बुरी आदतों से हर उस चीज से जो उनको पीछे धकेले , उनको निचे गिराये| उससे पहले वो खुद को तैयार करते है उस समस्या से लड़ने की कब कोई नयी समस्या कड़ी हो जाये| जिंदगी में समस्या होना सही आम बात है - क्योकि समस्या ही आपको ऊपर उठाती है आपको हर वक़्त बेहतर बनाती है | यानि जिसने कभी जिंदगी में कठिनाइयों से सामना नहीं किया है , वो जिंदगी में कुछ बेहतर नहीं किया है और नाही सिखा है |
अगर आपके जीवन में कठिनाईया हो तो घबराये नहीं , क्योकि ये कठिनाई ही आपको सफल रास्ते पर लेकर जाती है |
सफल व्यक्ति हर वक्त सीखने की लालशा होती है , नया स्किल जो जिससे कुछ नया और बेहतर करे |
दुनिया के सबसे आमिर व्यक्तियों की एक आदत सामान है जो हर किसी के अन्दर देखा और परखा गया है |
जैसे - हर हफ्ते बिलगेट्स १ किताबे पढ़ते है ,वारेन बफेट जो हर रोज ५ घन्टे किताबे पढ़ने के लिए जाने जाते है |
एलान मास्क जो हर रोज ३ घंटे किताबे पढ़ते है , ऐसे ही तमाम जो सफल व्यक्ति जो हर रोज किताबे पढ़ते है |
कठिनाईया से लड़कर वे उस मुकाम तक पहुचे है | सफलता किसी चीज / परिस्थितियों का मोहताज नहीं होती |
जिसके अन्दर जिद हो जाये कुछ करने की तो यकींन मानिये वो अपने मंजिल देर सही लेकिन पाकर रहेगा |
ऐसे तमाम कहानिया है जिसे पढ़कर आप खुद को प्रोत्साहित कर मंजिल तक पहुच जायेंगे | बढ़ते रहिये नन्हे कदमो से धीरे ही सही आगे लगातार बढ़ते रहिये|
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