उम्मीद है आपको मेरा पिछला पोस्ट पसंद आया होगा | यदि आप खुद को प्रोग्राम नहीं करते , तो जीवन आपको अपने तरीके से प्रोग्राम करने लगती है| जरुर पढ़े
जैसे मेरे पिछले पोस्ट के कहने के अनुसार मै आज आप सब के लिए विचारो को बदल कैसे सफल हो |
इस विषय पर बात करूँगा , विचार जिसका नाम सुनते ही आप सब के दिमाग में विचार आ रहा होगा | आखिर हम विचारो को बदल कैसे सफल हो सकते है ? हा ये सच्चाई है, हम अपने विचारो को बदल कर, हम अपने जिंदगी में सफलता की सीढ़िया चढ़ सकते है | हम वो सब कुछ कर सकते है, जो हम अपने जीवन में करना चाहते है , बनना चाहते है | तो जल्दी शुरू करते है इस विषय को, क्योकि आपके दिमागों में हजारो विचार उठ रहे है? आखिर यह कैसा विचार है जो हमें सफल बना सकता है | तो आप सही सोच रहे है , क्योकि विचार ही हमारा व्यक्तित्व का निर्माण करता है, जो हमारे जीवन में जरुरत है सफल होने के लिये|
तो शुरू करते है आखिर कैसा विचार हम करे तो सफल हो सकते है | इससे पहले बता देना चाहता हु की आखिर, विचार है क्या ? और इसका हमारे जीवन में क्या महत्व है ? विचार वो है जो हम ना चाहते हुए भी हमारे दिमाग में चलता रहता है | विज्ञान के अनुसार हम पुरे २४ घंटे में ६०००० विचार हमरे मष्तिष्क में आते है , हमारे ना चाहते हुए भी हम प्रतिदिन सोचते या विचारते है | आप सब को यह बात सुनकर आश्चर्य हो रहा होगा | अगर विश्वास न हो तो आप थोडा सतर्क हो जाइये अपने विचारो के प्रति और गौर कीजिये | आप अचंभित होंगे इस बात को जानकर, क्योकि मैंने कहा की विचार बनाये जिंदगी जब आप सतर्क होंगे तो आप देख पा रहे होंगे की आपके दिलो दिमाग में कौन सा अधिक विचार चल रहा है|
यही विचार आपके जीवन को बनाते है , आपके व्यक्तित्व में बदलाव लाते है | यानी आप अच्छे हो या बुरे ये सारी बात आपके विचारो पर निर्भर करती है , और विचार जो बनते है, वो हमारे आस-पास में घट रही घटनाओ से निर्माण होता है , आपका माहौल क्या है ? आप कैसे लोगो के बीच रहते है ? आपके दोस्त कैसे है ? आपके अगल बगल में लोग क्या सोचते है? इन सभी बातो का भी प्रभाव हमारे विचारो पर पड़ता है | और हम वैसे ही बनते चले जाते है | निर्भर ये करता है की आप बनना क्या चाहते है ? आप का आदर्श कौन है ? आप किन वसूलो व् विचारो पर अपना जीवन का निर्माण कर रहे है ? क्योकि हम जो सोचते है , थोड़ी देर सही हम वही बन भी जाते है | ये सच्चाई है , जैसे - "मन के जीते जीत मन के हारे हार" यानि आप जीतना चाहते है या हारना ये सब आपके ऊपर निर्भर करता है | जैसा सोच होगा वैसा विचार बनेगा, वही आपका कर्म भी बनेगा| यानी कोई भी कार्य पहले अपने दिमाग व् विचारो से बनते है, फिर जाकर वो भौतिक रूप व् सबके सामने उजागर होता है, यानि हम जिस स्तर का सोच रखते है , तो हमारे अन्दर भी बदलाव उसी स्तर का होता है|
यानि जब हम कुछ बड़ा सोचते है, तो हमारे अन्दर बदलाव भी बड़े स्तर से होते है | हम आज सभी जो कुछ भी है, वो हम अपने विचारो के स्तर से ही है| अगर आप जीवन में बहुत ही ख़ुशी से जी रहे है, तो इसका सीधा अर्थ है की- आपके विचारो में खुशिया है,आप सकारात्मक सोच रखने वाले है , आपके भाव में सकारात्मक उर्जा है , जो आप ख़ुशी से जी रहे है | यदि आप निराशा भरी जिंदगी जी रहे है, तो इसका मतलब भी की, आप नकरात्मक विचारो और उर्जा से घिर चुके है | निराशा जो है, वो हमारे जिंदगी का एक श्राप है , जो हमारे जिंदगी को एकदम सुनसान बना देती है , और हम अवशाद से ग्रसित हो जाते है, और जिंदगी हमें बेकार और बोझिल लगने लगता है , यहा तक की निराशा से ग्रषित होने के बाद बहुत से लोग आत्महत्या करने के बारे में सोचने या कर भी लेते है | निराशा क्यों होती है, जीवन में इस बात को समझना बहुत जरुरी है , क्योकि आज अधिकतर लोग इस बीमारी से जूझ रहे है, और जिंदगी को निराशाजनक बनाकर बोझ हो गए है खुद के लिये, इस धरती के लिए | क्यों कह रहा हु ऐसा- सोचिये ? क्योकि जीवन जो मिला है हमारा खुशियो से जीने व् बाटने के लिए, क्योकि ख़ुशी एक ऐसा उपहार है जो हम आसानी से प्राप्त कर सकते है , आसानी से खुश हो सकते है |
ये सब बाते एक हमारे विचारो की ही देंन है , कैसे है तो हम जान लेते है | तो यह ऐसा विचार है, जो सकारात्मक और नकारात्मक विचारो पर निर्भर करती है | हम क्या सोचते है इस बात से तय होता है - खुशिया और निराशा, सफलता और असफलता , दुःख सुख सब कुछ जो है हमारे विचारो से ही तय होता है|जीवन में आपका क्या मंजिल है , करना चाहते है, और क्यों? ये सभी सवालों के जबाब ढूढ़ लिए है, तो आप आज भले जीवन को निराशाजनक जनक जी रहे है , लेकिन आने वाले समय में आप एक सितारे की तरह उभर कर आयेंगे, क्योकि आप कभी खुद को जानने की कोशिश किये है , अपनी शक्ति को पहचानने के लिए , खुद को समझने के लिए तपाया है , जिंदगी के परिस्थितियों से संघर्ष किये है, सच बताये अगर आप कुछ बनने व् करने का ठान लेते है, तो आपका विचार आपको उसके तरफ अग्रसर करता है, उस काम को पूरा करने के लिये| एक सोच है मेरी-
जैसे मेरे पिछले पोस्ट के कहने के अनुसार मै आज आप सब के लिए विचारो को बदल कैसे सफल हो |
इस विषय पर बात करूँगा , विचार जिसका नाम सुनते ही आप सब के दिमाग में विचार आ रहा होगा | आखिर हम विचारो को बदल कैसे सफल हो सकते है ? हा ये सच्चाई है, हम अपने विचारो को बदल कर, हम अपने जिंदगी में सफलता की सीढ़िया चढ़ सकते है | हम वो सब कुछ कर सकते है, जो हम अपने जीवन में करना चाहते है , बनना चाहते है | तो जल्दी शुरू करते है इस विषय को, क्योकि आपके दिमागों में हजारो विचार उठ रहे है? आखिर यह कैसा विचार है जो हमें सफल बना सकता है | तो आप सही सोच रहे है , क्योकि विचार ही हमारा व्यक्तित्व का निर्माण करता है, जो हमारे जीवन में जरुरत है सफल होने के लिये|
तो शुरू करते है आखिर कैसा विचार हम करे तो सफल हो सकते है | इससे पहले बता देना चाहता हु की आखिर, विचार है क्या ? और इसका हमारे जीवन में क्या महत्व है ? विचार वो है जो हम ना चाहते हुए भी हमारे दिमाग में चलता रहता है | विज्ञान के अनुसार हम पुरे २४ घंटे में ६०००० विचार हमरे मष्तिष्क में आते है , हमारे ना चाहते हुए भी हम प्रतिदिन सोचते या विचारते है | आप सब को यह बात सुनकर आश्चर्य हो रहा होगा | अगर विश्वास न हो तो आप थोडा सतर्क हो जाइये अपने विचारो के प्रति और गौर कीजिये | आप अचंभित होंगे इस बात को जानकर, क्योकि मैंने कहा की विचार बनाये जिंदगी जब आप सतर्क होंगे तो आप देख पा रहे होंगे की आपके दिलो दिमाग में कौन सा अधिक विचार चल रहा है|
यही विचार आपके जीवन को बनाते है , आपके व्यक्तित्व में बदलाव लाते है | यानी आप अच्छे हो या बुरे ये सारी बात आपके विचारो पर निर्भर करती है , और विचार जो बनते है, वो हमारे आस-पास में घट रही घटनाओ से निर्माण होता है , आपका माहौल क्या है ? आप कैसे लोगो के बीच रहते है ? आपके दोस्त कैसे है ? आपके अगल बगल में लोग क्या सोचते है? इन सभी बातो का भी प्रभाव हमारे विचारो पर पड़ता है | और हम वैसे ही बनते चले जाते है | निर्भर ये करता है की आप बनना क्या चाहते है ? आप का आदर्श कौन है ? आप किन वसूलो व् विचारो पर अपना जीवन का निर्माण कर रहे है ? क्योकि हम जो सोचते है , थोड़ी देर सही हम वही बन भी जाते है | ये सच्चाई है , जैसे - "मन के जीते जीत मन के हारे हार" यानि आप जीतना चाहते है या हारना ये सब आपके ऊपर निर्भर करता है | जैसा सोच होगा वैसा विचार बनेगा, वही आपका कर्म भी बनेगा| यानी कोई भी कार्य पहले अपने दिमाग व् विचारो से बनते है, फिर जाकर वो भौतिक रूप व् सबके सामने उजागर होता है, यानि हम जिस स्तर का सोच रखते है , तो हमारे अन्दर भी बदलाव उसी स्तर का होता है|
यानि जब हम कुछ बड़ा सोचते है, तो हमारे अन्दर बदलाव भी बड़े स्तर से होते है | हम आज सभी जो कुछ भी है, वो हम अपने विचारो के स्तर से ही है| अगर आप जीवन में बहुत ही ख़ुशी से जी रहे है, तो इसका सीधा अर्थ है की- आपके विचारो में खुशिया है,आप सकारात्मक सोच रखने वाले है , आपके भाव में सकारात्मक उर्जा है , जो आप ख़ुशी से जी रहे है | यदि आप निराशा भरी जिंदगी जी रहे है, तो इसका मतलब भी की, आप नकरात्मक विचारो और उर्जा से घिर चुके है | निराशा जो है, वो हमारे जिंदगी का एक श्राप है , जो हमारे जिंदगी को एकदम सुनसान बना देती है , और हम अवशाद से ग्रसित हो जाते है, और जिंदगी हमें बेकार और बोझिल लगने लगता है , यहा तक की निराशा से ग्रषित होने के बाद बहुत से लोग आत्महत्या करने के बारे में सोचने या कर भी लेते है | निराशा क्यों होती है, जीवन में इस बात को समझना बहुत जरुरी है , क्योकि आज अधिकतर लोग इस बीमारी से जूझ रहे है, और जिंदगी को निराशाजनक बनाकर बोझ हो गए है खुद के लिये, इस धरती के लिए | क्यों कह रहा हु ऐसा- सोचिये ? क्योकि जीवन जो मिला है हमारा खुशियो से जीने व् बाटने के लिए, क्योकि ख़ुशी एक ऐसा उपहार है जो हम आसानी से प्राप्त कर सकते है , आसानी से खुश हो सकते है |
ये सब बाते एक हमारे विचारो की ही देंन है , कैसे है तो हम जान लेते है | तो यह ऐसा विचार है, जो सकारात्मक और नकारात्मक विचारो पर निर्भर करती है | हम क्या सोचते है इस बात से तय होता है - खुशिया और निराशा, सफलता और असफलता , दुःख सुख सब कुछ जो है हमारे विचारो से ही तय होता है|जीवन में आपका क्या मंजिल है , करना चाहते है, और क्यों? ये सभी सवालों के जबाब ढूढ़ लिए है, तो आप आज भले जीवन को निराशाजनक जनक जी रहे है , लेकिन आने वाले समय में आप एक सितारे की तरह उभर कर आयेंगे, क्योकि आप कभी खुद को जानने की कोशिश किये है , अपनी शक्ति को पहचानने के लिए , खुद को समझने के लिए तपाया है , जिंदगी के परिस्थितियों से संघर्ष किये है, सच बताये अगर आप कुछ बनने व् करने का ठान लेते है, तो आपका विचार आपको उसके तरफ अग्रसर करता है, उस काम को पूरा करने के लिये| एक सोच है मेरी-
" सोचना और निर्णय लेना कठिन है, लेकिन उस काम को करना उससे भी आसांन है"
कैसे है ? तो इसपर एक छोटी सी मेरे जीवन में घटी घटना है, जो कुछ इस प्रकार है " मुझे २० फिट की उचाई से कूदना था पानी में पहले कभी ऐसा नहीं किया था, तो अन्दर डर भी बना हुआ था , लेकिन मैंने ठाना की, इस डर को ख़त्म कर, मै कुदूंगा इस उचाई से, और मेरे कदम ३-४ बार पीछे हुआ, जा जाकर मै कूद नहीं पा रहा था, फिर कहा जो होगा देखा जायेगा , कदम बढ़ा और हिम्मत कर, सफल हुआ तो ये बात समझ में आई की " सोचने से ज्यादा करना कही आसान है", ये घटना केवल आपको समझाने के लिए बताया हु, आप में से किसी के अन्दर मुझसे भी बेहतर पड़े है, लेकिन दुःख की बात ये है की, वो खुद को पहचानते नहीं है|
मई एक बात कहना चाहता हु की "पहचानो खुद को , और उसपर काम करो , आप अपने जीवन के सबसे उचाइयो पर रहेंगे, सफलताये आपकी कदम चूमेंगी|
सोचो कम, करो ज्यादा- ये अपना वसूल बनाओ, और करके दिखाओ, तभी जाकर आप आगे बढ़ पाएंगे, एक बात और मै इस लेख को ख़त्म करते हुए कहना चाहता हु की - अगर आपको लगता है मै कुछ कर जाऊंगा क्या करूँगा ये नहीं पता, तो सच बताये तो आप कर जायेंगे, कुछ बेहतर बस अपनी विचारो को सकारात्मक बनाये रखे और खुद पर काम करे , खुद को बीते कल से बेहतर बनाने की कोशिश करे| आप जीवन में अपने लिए और दुसरो के लिए भी बेहतर कर जायेंगे, बस चार दिन की जिंदगी है , अच्छा सोचो अच्छा करो|
मई एक बात कहना चाहता हु की "पहचानो खुद को , और उसपर काम करो , आप अपने जीवन के सबसे उचाइयो पर रहेंगे, सफलताये आपकी कदम चूमेंगी|

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DHARMENDRA VISHWAKARMA
FOUNDER- VISHWA HAPPINESS FOUNDATION
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